संस्था की पृष्ठ भूमि
सम्पर्क संस्थान जिला नागौर के पंचायत समिति परबतसर, मकराना एंव कुचामनसिटी मे मार्च 2005 से ग्रामीण क्षेत्र मे निवास करने वाले लोगो द्वारा गरीब ग्रामीणो को मुख्यतः (महिला एंव बच्चो) निम्न जीवन स्तर से उपर एक सशक्त एंव खुशहाल जीवन जीने के ध्येय से उद्भव हुआ। संस्थान का निर्माण एंव विकास करने वाले समस्त पदाधिकारी एंव सदस्य ग्रामीण क्षेत्र मे निवास करने वाले मध्यमवर्गीय एंव गरीब तबके के परिवारो से जो वस्तुस्थिति से रूबरू है ।
संस्था की औपचारिक शुरूआत वर्श 2005 से हुई परन्तु संस्था सचिव एवं अन्य कार्यकारिणी के सदस्यों ने वर्श 2004 सें ही गाँवों में समुदाय के साथ रिश्ते बनाना प्रारम्भ कर दिया था । गाँव के लोगों के साथ विभिन्न मुद्दों पर
बैठकें करना,इन बैठकों में सरकारी कार्यक्रमों की जानकारी देना एवं कार्यक्रमों सें वंचित वर्ग लोगों को जोड़ना जैसे काम किए गए ।
इस्ी दौरान संस्था से जुड़े लोगों ने संस्था बनाने की सोची 9 मार्च 2005 में संस्था का रजिस्ट्रेशन हुआ एवं व्यवस्थित रूप् सें कार्य कार्य करना प्रारम्भ किया । वर्श 2005 से वर्श 2006 तक संस्थान ने अपना सम्पूर्ण ध्यान महिलाओं सेसंबंधित मुद्दों,जल प्रबन्धन,स्वास्थ्य से सम्बधित जागरूकता एवं अधिकार आधारित अप्रोच पर कार्य किया । काम करते हुए लोगों की आवश्यकताऐं एवं प्राथमिकताऐं भीं समझ आने लगी ।
परबतसर क्षैत्र में पानी की समस्या भीं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, पानी की कमी,मीठे पानी की अनुपलब्धता एवं फ्लोराइडयुक्त पानी पीना ग्रामिणों की मजबुरी हैं । साथ ही वंचित वर्ग ( अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति व महिलाऐं ) की आत्मछवि का प्रश्न लम्बे समय से चला आ रहा हैं । इन मुद्दों पर काम करने में संस्था सक्षम भीं हैं अतः संस्था ने अपने काम में इन मुद्दों को शामिल किया
प्रक्रिया की शुरूआत हो सकती है जेण्डर संवेदनशीलता संस्था की हर गतिविधि में दिखाई देता हैं । संस्था का यह भीं मानना है कि जाती,धर्म,गरीबी व अमीरी के आधार पर तो वंचितता हैं ही पर जेण्डर के आधार पर वंचितता भीं हर जगह दिखाई देती हैं ।
संस्था सचिव ने सम्पर्क संस्था का शुभारम्भ करने से पूर्व लगभग 20 वर्श तक विभिन्न गैर सरकारी संगठनों में कार्य किया,जैसे-समाज कार्य एवं अनुसंधान केन्द्र खोरी (हरीयाणा) ,सोशियल एक्शन फाॅर रूरल एडवान्समेट(सारा) एकट बोधग्राम कुकनवाली इत्यादी संस्थाओं में काम किया हैं । इन संस्थाओं में रहते हुए विभिन्न परियोजनाओं को समन्वयन करने का मौका मिला यथा सारा संस्था रहते हुए सेव दा चिल्ड्रन फण्ड के आर्थिक सहयोग से जयपुरजिले की दूदू पंचायत समिति में चले बाल केन्द्रित सूखा पूर्व तैयारी कार्यक्रम को 2 वर्श तक प्रोजेक्ट आॅफिसर के रूप में प्रोजेक्ट को समन्वयन किया । इन संस्थाओं में चल रहे विभिन्न परियोजनाओं में रहते हुए शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगाार,पानी,स्वयं सहायता समूह एवं महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों को समझने का मौका मिला।
गाँवों में महिलाओं की स्थिति पुरानी परम्पराओं के चलते अच्छी नही हैं । चुँकि संस्था सचिव एक महिला है एवं महिलाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर कार्य करती हैं । अतः जेण्डर सें सम्बधित मुद्दों को संस्था ने अपने केन्द्र में रखा हैं। संस्था ने बालिका शिक्षा,महिला स्वास्थ्य,कन्या भ्रुण हत्या इत्यादि गैर बराबरी के मुद्दों पर विभिन्न स्तर पर काम किया हैं ।
संस्था अध्यक्ष व संस्था सचिव द्वारा अरूणा राॅय(मजदुर किसान शक्ति संगठन) एवं इनके संगठन द्वारा चलाये जा रहे रोजगार गांरटी कार्यक्रम एवं सुचना के अधिकार जैसी मुहिम के तहत व्यक्तिगत स्तर पर भागीदारी दी हैं एवं इनके विचारों एवं कार्यप्रणाली से प्रभावित हैं ।
परबतसर तहसील के 30 गाँवों में संस्था ने विगत 4 वर्शो में उपरोक्त मुद्दों पर कार्य किया हैं । 73वें संविधान संशोधन जिसमें पंचायतीराज व्यवस्था में अनु. जाति,अनु. जन. जाति एवं महिलाओं की भागीदारी को सुदृढ़ करना हैं।संस्था का मानना है उक्त संशोधन से गाँव के विकास में सकारात्मक परिवर्तन होगा । 73वें संविधान संशोधन के तहत संस्था के एजेंडें के बहुत निकट हैं । संस्था ने पंचायतीराज चुनाव 2010 में पंचायतीराज व्यवस्था के चुनाव में सकारात्मक भूमिका निभाई हैं ।इन चुनावों में जागरूकता लाने हेतु स्वयं सहायता समूहों की भूमिका महत्वमूर्ण रही हैं । वोट डालने के अधिकार,अच्छे प्रत्याक्षी को बैझिझक वोट डालना,प्रलोभनों से दुर रहना जैसे मुद्दों को ने संस्था अपने संगठनों के माध्यम से उठायें
संस्था द्वारा परबतसर पचंायत समिति की विभिन्न ग्राम पंचायतों में मातृत्व स्वास्थ्य एवं लिंग चयन के मुद्दों से सम्बधित जागरूकता एवं विभिन्न बैठको के माध्यम से सकारात्मक भूमिका निभाई ।